अटेर का क़िला
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विवरण‘अटेर का क़िला’ मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इसके साथ ही यह राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है।
राज्यमध्य प्रदेश
ज़िलाभिंड
निर्माताबदनसिंह
निर्माण काल1664 से 1668 ई. के बीच
प्रसिद्धिऐतिहासिक स्थल
संबंधित लेखमध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश का इतिहास, मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल
अन्य जानकारीभदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह हिन्दू और मुग़ल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है।

अटेर का क़िला मध्य प्रदेश राज्य के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह भिंड ज़िले में स्थित है और प्रमुख पर्यटन स्थल है।

  • यह क़िला भदौरिया राजा बदनसिंह ने 1664 से 1668 ई. के बीच बनवाया था। भदौरिया राजाओं के नाम पर ही भिंड क्षेत्र को पहले ‘बधवार’ कहा जाता था।
  • गहरी चंबल नदी की घाटी में स्थित यह क़िला भिंड ज़िले से 35 कि.मी. पश्चिम में स्थित है।
  • ‘खूनी दरवाज़ा’, ‘बदन सिंह का महल’, ‘हथियापोर’, ‘राजा का बंगला’, ‘रानी का बंगला’ और ‘बारह खंबा महल’ इस क़िले के मुख्य आकर्षण हैं।
  • चंबल नदी के किनारे बना यह दुर्ग भदावर राजाओं के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करता है।



  • अटेर का क़िला अब काफ़ी जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। यदि इस क़िले का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार हो जाए तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि अटेर से नजदीक ही आगरा पड़ता है। चंबल नदी पर पुल बन जाने के बाद यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। क़िले के जीर्णोद्धार का काम रुक-रुक कर किया जा रहा है।
  • भदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह हिन्दू और मुग़ल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है।

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