कंप्यूटर पर निबंध

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कंप्यूटर पर निबंध

भूमिका : आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही आज तक मनुष्य हमेशा से नवीनतम आविष्कारों को सफल बनता आया है। मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से द्रुतगामी आवागमन के साधनों को बना लिया है।

मनुष्य ने अपनी सुख-सुविधाओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक साधनों का दोहन कर उन्हें अपने अनुचर बना लिया है। विज्ञान ने मनुष्य को आज तक बहुत प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं। उन सारी सुविधाओं में कंप्यूटर का एक विशेष स्थान है। कंप्यूटर की सहायता से हर काम को अभिलंब किया जा सकता है।

इसी वजह से रोज इसकी उपयोगिता इतनी अधिक बढती जा रही है। हर उन्नत और प्रगतिशील देश स्वंय को कंप्यूटरमय बना रहा है। आज के समय में भी कंपूटर के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। मनुष्य अपनी हर कठिन समस्या को कंप्यूटर से ही हल करना चाहता है। कंप्यूटर एक कठिनतम प्रश्नों और समस्याओं को आसानी से हल करने का एक बहुत ही अच्छा साधन है।

कंप्यूटर का अर्थ : यह विज्ञान की एक महान देन है तो सभी लोगों को यह याद अवश्य रखना चाहिए कंप्यूटर क्या है और यह कैसे काम करता है? कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है। कंप्यूटर एक जिज्ञासा उत्पन्न होने वाला स्वाभाविक यंत्र है। कंप्यूटर एक ऐसे यांत्रिक मष्तिष्कों का रूपात्मक, समन्वयात्मक योग और गुणात्मक घनत्व है जो तेज गति से कम-से-कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा काम कर सकता है।

गणना के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत विशेष महत्व है। विज्ञान ने गणितीय गणनाओं के लिए बहुत से गणनायंत्रों का आविष्कार किया है परंतु कंप्यूटर की किसी से भी तुलना नहीं की जा सकती है। कंप्यूटर का काम होता है अभिकलन और परिकलन करना। शुरू में इसे सिर्फ गणित के क्षेत्र में प्रयोग करने के लिए बनाया गया था।

अभिकलन में योग, गुणन, विभाजन, वर्गमूल, व्यकलन को जानने जैसी सभी क्रियाएं सम्मिलित होती थी। कंप्यूटर का काम इन सब का तुरंत हल निकालना था। अब कंप्यूटर का काम सिर्फ गणित के क्षेत्र तक ही सिमित नहीं है बल्कि अब इसका प्रयोग हर क्षेत्र में किया जाता है और क्षेत्र की समस्याओं को यह आसानी से हल करने वाला यंत्र बन चुका है।

कंप्यूटर का अविष्कार और कार्य प्रणाली : सबसे पहले कंप्यूटर को 19 वीं शताब्दी में चार्ल्स बेवेज ने बनाया था। जब विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए यंत्र बनाया गया था उसे ही कंप्यूटर कहा जाता था। लेकिन कंप्यूटर कोई मानवेतर वस्तु नहीं है, न ही कोई जादू की छड़ी है जिसे घुमाया और काम हो गया और यह कोई ईश्वरीय शक्ति भी नहीं है जो असंभव को भी संभव करके दिखा दे।

कंप्यूटर एक मानव कृत है। कंप्यूटर केवल उन्हीं समस्याओं को हल कर सकता है जिन्हें मनुष्य हल करने में ज्यादा समय लेता हो या उस काम को कई लोग मिलकर हल करते हों। कंप्यूटर में केवल किसी समस्या या उसके हल को अंकित किया जाता है। एक हल जिसे कई लोग मिलकर लंबे समय में निकालते हैं उसे ही कंप्यूटर में अंकित किया जाता है।

जब कोई व्यक्ति उस प्रश्न के मुख्य हल को ढूंढता है तो बटन दबाने से उस प्रश्न का हल उसके सामने आ जाता है जो उसमें पहले से ही अंकित किया गया था। जिस तरह से एक कैलकुलेटर में सभी अंकों के योग, व्यकलन, गुणन, विभाजन और वर्गमूल आदि हलकर अंकित किये जाते हैं।

जब हम किसी भी संख्या का योग करते हैं तो उसका उत्तर हमारे सामने आ जाता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसका उत्तर अंकित किया गया होता है। बहुत सी ऐसी संख्याएं होती हैं जिनका हल बटन दबाने से हमारे सामने नहीं आता है क्योंकि उसका हल उसमें अंकित ही नहीं होता है।

इसी तरह से विश्व की अन्य समस्याएं भी हैं। उन सभी के हल उनके विशेषज्ञों से पूंछकर उसमें हल अंकित कर लिए जाते हैं। जरूरत के समय में उसका हल हम बटन दबाते ही मालूम कर लेते हैं। किसी भी एक कंप्यूटर में लाखों समस्यायों के हलों को अंकित कर लिया जाता है। यदि कोई समस्या ऐसी होती है जिसका हल कंप्यूटर में अंकित नहीं किया गया होता है कंप्यूटर में उसका उत्तर सॉरी के नाम से लिखा हुआ आता है।

कंप्यूटर की विशेषता : कंप्यूटर एक बहुत ही आज्ञाकारी यंत्र होता है। कंप्यूटर अपने कर्तव्यों का पालन बहुत ही अच्छी तरह से करता है। कंप्यूटर कभी भी एक जैसे कामों को बार-बार करने से थकता नहीं है और बहुत ही तेजी से भी काम करता है। यह बात जानकर बहुत हैरानी होती है वर्तमान का कंप्यूटर प्रति सेकेंड में दस लाख से भी ज्यादा संक्रियाएं कर सकता है।

सबसे पहले कंप्यूटर की सबसे बड़ी यह विशेषता थी कि यह लंबी से लंबी गणनाओं को करने और उन्हें मुद्रित करने की क्षमता रखता था। कंप्यूटर खुद ही गणना करके कठिन-से-कठिन समस्याओं का समाधान जल्दी कर देता है। कंप्यूटर में की जाने वाली गणनाओं में एक विशेष तरह की भाषा में निर्देशों को तैयार किया जाता है।

इन सभी निर्देशों और प्रयोगों को कंप्यूटर की संज्ञा दी जाती है। कंप्यूटर का जो भी परिणाम होता है वह शुद्ध होता है। अशुद्ध उत्तर का उत्तरदायित्व उस पर नहीं बल्कि उसके प्रयोक्ता पर होता है। कंप्यूटर ने अपने सफल प्रयोगों से बहुत से क्षेत्रों में अपनी योग्यता को सिद्ध किया है। कंप्यूटर में लाखों और करोड़ों हलों को अंकित करने की प्रबल क्षमता होती है।

विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर का उपयोग : खेल के क्षेत्र में, औद्योगिक क्षेत्र में, युद्ध के क्षेत्र में और अनेक अन्य क्षेत्रों में भी कंप्यूटर का प्रयोग किया जा सकता है। कंप्यूटर का प्रयोग परीक्षा फल के निर्माण में, अंतरिक्ष यात्रा में, मौसम संबंधी जानकारी में, चिकित्सा में और चुनावों में भी किया जा रहा है।

भारत के गणित क्षेत्र में भी कंप्यूटर का बहुत प्रयोग किया गया है। अब किसी भी व्यक्ति को यात्रा करनी होती है तो भारतीय रेलवे प्रशासन ने दिल्ली में जनता के द्वारा यात्रा के आरक्षण के लिए कंप्यूटरों के द्वारा प्रवेश की व्यवस्था को भी उपलब्ध कर दिया है वे इस सुविधा को अन्य क्षेत्रों पर भी उपलब्ध करने की कोशिश कर रहे हैं बड़े-बड़े संगठनों में भी कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है।

कई जगहों पर विद्यालय और विश्वविद्यालय भी इसका प्रयोग परिणामों को तैयार करने में भी करते हैं। कंप्यूटरों का सबसे अधिक व्यापक प्रयोग उपग्रहों को आकाश में छोड़ने और चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने तथा उड़ान यंत्रों को नियंत्रित करने के लिए भी कंप्यूटरों का प्रयोग किया जाता है। इस तरह से कंप्यूटर मानव के हर क्रियाकलाप को प्रभावित कर रहा है।

आर्थिक विकास के लिए लाभकारी : भारतीय बैंकों और अन्य उपक्रमों के खतों का संचालन और हिसाब-किताब रखने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। समाचार-पत्रों और पुस्तकों के प्रकाशन में भी कंप्यूटर अपनी विशेष भूमिका निभा रहा है। कंप्यूटर से संचालित फोटो कंपोजिंग मशीन के माध्यम से छपने की सामग्री को भी टंकित किया जा सकता है।

जो मेटर टंकित होता है उसे कंप्यूटर पर देखा जा सकता है। संचार का एक महत्वपूर्ण साधन भी कंप्यूटर है। कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से देशों के प्रमुख नगरों को एक-दूसरे के साथ जोड़े जाने की व्यवस्था पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। जो आधुनिक कंप्यूटर होता है वह डिजाइन तैयार करने में भी सहायक होता है।

भवनों, मोटर-गाड़ियों, हवाई जहाजों और घरों के डिजाइनों को बनाने में भी कंप्यूटर ग्राफिक्स का बहुत प्रयोग किया जा रहा है। एक कंप्यूटर में कलाकार की भूमिका का निर्वाह करने की क्षमता पाई जाती है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने अपने विशेष कमाल दिखाए है। कंप्यूटर की सहायता से अंतरिक्ष के व्यापक चित्रों को उतारा जा रहा है। इन सभी चित्रों का विश्लेष्ण भी कंप्यूटर के माध्यम से ही किया जाता है।

उपसंहार : इस तरह से भारत में कंप्यूटर का रोज प्रयोग बढ़ रहा है। बहुत से क्षेत्रों ने कंप्यूटर में उन्नति कर ली है जैसे- बंगलौर, हैदराबाद, गुडगाँव, नोयडा और मोहाली आदि। भारत में कंप्यूटर का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है लेकिन कंप्यूटर ने मनुष्य को अपंग बना दिया है।

कंप्यूटर की वजह से समाज में बेकारी की समस्या भी उत्पन्न हुयी है इसी वजह से हमें उन कामों को करने के लिए कंप्यूटर की सहायता नहीं लेनी चाहिए जिन्हें हम सरलता से कर सकते है। हमें पूरी तरह से यंत्रों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। कंप्यूटर का प्रयोग केवल कठिन समस्याओं को हल करने के लिए ही किया जाना चाहिए और हमें उसका दास नहीं अपितु मित्र बनना चाहिए।

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