मेरी रुचि पर निबंधमेरी रुचि पर निबंध

मेरी रुचि पर निबंध ( essay on my interest )

प्रस्तावना

मेरा पसंदीदा शौक खाली समय में रुचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना है। जब कभी भी मैं स्कूल से घर जाता हूँ, तो अपना गृहकार्य पूरा करने के बाद इस तरहकी किताबों को पढ़ना पसंद करता हूँ। मैं 12 वर्ष का हूँ और कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। किताबों को पढ़ना बहुत अच्छी आदत है, जो मुझे पूर्ण बनाती है। मुझे यह शौक प्राकृतिक रुप से मिला है।

किताबों को पढ़ना

किताबों को पढ़ना एक व्यक्ति को खुश और व्यस्त रखता है। यह आनंद, ज्ञान, प्रोत्साहन और सूचना का अच्छा स्रोत है। यह हमें अनुशासन, न्यायप्रिय,विश्वसनीय, समय का पाबंद और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण एक सफल व्यक्ति बनाता है। किताबों को पढ़ने के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अकेला और परेशान नहीं रह सकता। मेरा मानना है कि, यह आदत संसार में सोने से भी ज्यादा कीमती है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उच्च स्तर का ज्ञान, आदर्श विचार, अच्छी सोच, आदि प्रदान करता है।

मेरी रुचि का महत्त्व

जो किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं, उनके लिए अच्छी और रुचि पूर्ण किताबें अच्छे मित्र की तरह होती है। जिसके पास यह आदत नहीं है, चाहे उसके कितनी भी अधिक सांसारिक वस्तुएं और धन क्यों न हो, फिर भी वह ज्ञान की सच्ची दौलत के अभाव में गरीब होता है। किताब पढ़ने की आदत या शौक को, किसी के भी द्वारा युवा अवस्था में भी प्रयास करने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

निष्कर्ष

प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ शौक रखता है। शौक हमें आनंद देते हैं। शौक रखने से हमें ऊब नहीं होती। विशाल विश्व में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी ही मनोवृत्ति और प्रवृत्ति होती है, उसकी रुचि और कामना भी अलग-अलग प्रकार की होती है। इसी सन्दर्भ के कारण किसी व्यक्ति को मीठा प्रिय लगता है और किसी को खट्टा ज्यादा रुचिकर प्रतीत होता है।

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मेरी रुचि पर निबंध

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