मानव भूगोल




भौतिक भूगोल की भांति मानव भूगोल का अध्ययन भी विभिन्न उपशाखाओं में विभाजित करके किया जाता है –

    1. मानव भूगोल (Anthropogeography) – मानव भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ संबंधो का अध्ययन किया जाता है |
    2. मानव जाति विज्ञान (Ethnology) – इसके अंतर्गत धरातल पर विस्तृत मानव जाति का प्रजातीय इकाइयों के रूप में वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
    3. सांस्कृतिक भूगोल (Cultural geography) – इसके अंतर्गत विश्व में पायी जाने वाली विभिन्न संस्कृतियों का पर्यावरण के साथ उनके संबन्धों की ध्यान में रखकर तथा वितरण-प्रतिरूप को दर्शाते हुए वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
    4. सामाजिक भूगोल (social geography) – इस भौगोलिक शाखा के अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण जनसँख्या, अधिवास, सामाजिक विशेषताओं, क्रिया कलापों आदि का वैज्ञानिक विवेचन किया जाता है |
    5. आर्थिक भूगोल (Econmic geography) – यह मानव भूगोल की ए प्रमुख शाखा है | इसमें मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक विकसित हुए उसके विभिन्न आर्थिक क्रिया-कलापों काक समग्र अध्ययन किया जाता है |
    6. कृषि भूगोल (Agricultural geography) – भुगोल की इस शाखा में अंतर्गत कृषि की भौगोलिक दशाओं एवं विभिन्न फसलों के उत्पादन तथा वितरण प्रतिरूप का अध्ययन किया जाता है |
    7. प्रादेशिक भूगोल (Regional geography) – भूगोल की शाखा के अंतर्गत भौतिक एवं मानवीय समानताओं के आधार पर सम्पूर्ण धरातल का वर्गीकरण करके उनका क्रमबद्द अध्ययन किया जाता है |
    8. नगरीय भूगोल (Urban geography) – यह अधिवास भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसके अंतर्गत शहरों और नगरो का अध्ययन, उनकी उत्पत्ति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरूप , विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है |
    9. ग्रामीण भूगोल (Rural geography) – यह भी अधिवास भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के बसाव प्रतिरूप कार्यात्मक विवरण उनके अधिवास अदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता है|
    10. अधिवास भुगोल (Settlement geography) – भुगोल की इस शाखा में ग्रामीण एवं नगरीय अधिवासों की स्थिति उत्पत्ति प्रतिरूप व्यावसायिक संरंचना आदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता है |
    11. जनसंख्या भूगोल (Population geography) – यह मानव भूगोल की वह शाखा है जिसमे स्वयं मानव की जनसँख्या, लोगो का वितरण,आयु संरंचना, घनत्व, वृद्दि, स्थानांतरण, व्यावसायिक संरंचना तथा उनके आवासों का अध्ययन किया जाता है |
    12. प्रजातीय भूगोल (Racial geography) – भूगोल की यह शाखा प्राणीशास्त्रीय अवधारणा (Biological Concept) के आधार पर मानक की उत्पत्ति, विकास, विश्व-वितरण तथा उनके स्थानान्तरण एवं विभिन्न प्रजातियों के पारस्परिक सम्मिश्रण का विवेचन करता है |
    13. राजनितिक भुगोल (Political geography) – इसके अंतर्गत भौगोलिक कारकों का विभिन्न देशों की राजनिति का प्रभाव, राजनितिक दशा तथा अंतर्राष्ट्रीय विवादों एवं संबंधो का अध्ययन किया जाता है |
    14. निर्वाचन भूगोल (Electrocal geography) – यह राजनितिक भूगोल की एक प्रमुख एवं नवीन शाखा है जिसमे निर्वाचन से संबंधित क्षेत्रीय संबंधित क्षेत्रीय विभिन्नताओ का अध्ययन निर्वाचन मण्डलों को ध्यान में रखकर किया जाता है | साथ ही इसके अंतर्गत निर्वाचन के आंकड़ों का भौगोलिक विश्लेष्ण भी किया जाता है |
    15. भाषा भूगोल (linguistic geography) – भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत किसी भाषा या क्षेत्रीय बोली में पाई जाने वाली क्षेत्रीय एवं भौगोलिक विभिन्नताओ का अध्ययन किया जाता है |
    16. गणितीय भूगोल (Mathematical geography) – भूगोल की इस शाखा में विभिन्न तत्वों का अध्ययन गणितीय विश्लेषण करते हुए किया जाता है |




  1. मानचित्र कला (Cartography) – चूँकि मानचित्र भौगोलिक अध्ययन का सर्वप्रमुख आधार है अत: उनकी निर्माण-विधियों का अध्ययन मानचित्र कला का अंतर्गत किया जाता है |
  2. वाणिज्यक भूगोल (Commerical geography) – भूगोल की इस शाखा में वाणिज्यक कार्यों, विशेष रूप से व्यापार का सर्वागपूर्ण अध्ययन किया जाता है |
  3. व्यावहारिक भूगोल (Behavioural geography) – इसमें मानव व्यावहार एवं उस पर पड़ने वाले भौगोलिक प्रभावो का अध्ययन क्षेत्रीय एवं स्थानिक विशेषताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है |
  4. अनुप्रयुक्त भूगोल (Applied geography) – यह भूगोल की अपेक्षाकृत सबसे नवीन शाखा है, जिसके अंतर्गत वर्तमान मानवीय समस्याओं जैसे-अल्प विकास, जनसँख्या का आधिक्य, नगरीय एवं ग्रामीण भूमि-उपयोग, मानव स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं, नगर-नियोजन आदि का अध्ययन अधिकतम मानव कल्याण की दृष्टि से किया जाता है |
  5. औधोगिक भूगोल (Industrial geography) – इसके अंतर्गत विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चे माल की प्राप्ति के स्रोतों, उत्पादन की समस्याओं, उत्पादित वस्तुओ के व्यापार, उद्योगों के स्थानिक आदि का अध्ययन किया जाता है |
  6. सैन्य भूगोल (Militry geography) – भूगोल की इस शाखा में अन्तराष्ट्रीय सीमा-विवादों, सामरिक महत्व के क्षेत्रों, युद्दों एवं संधियों के भौगोलिक कारकों, विभिन्न राष्ट्रों के उपनिवेशों, संयुक्त राष्ट्र संघ की गतिविधियों एवं अंतर्राष्ट्रीय शान्ति तथा सद्भावना का अध्ययन भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में किया जाता है |
  7. परिवहन भूगोल (Transport geography) – इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के परिवहन साधनों एवं मार्गों पर पड़ने वाले भोगोलिक प्रभावों, उद्योगों, कच्चे माल एवं कृषि वस्तुओं के व्यापार एवं वितरण पर पड़ने वाले यातायात के साधनों के प्रभावों का अध्ययन किया जाता है |
  8. चिकित्सा भूगोल (Medical geography) – इसके अंतर्गत विश्व-स्तर पर व्याप्त पर्यावरण-प्रदुषण एवं वायुमंडलीय अशुद्दियाओं के मानव स्वास्थ्यकर बनाने की दृष्टि से किया जाता है | इस प्रकार स्पष्ट है की भूगोल अपनी शाखाओ प्रशाखाओं के साथ सम्पूर्ण विश्व के समस्त तत्वों का वैज्ञानिक अध्ययन करने वाला विज्ञान है | चूँकि यह पृथ्वी तल पर प्रतिरूप और प्रक्रम के आधार पर स्थानिक संघटनों का अध्ययन करता है अत: इसमें देश एवं काल से समन्वित स्वरूप की स्पष्ट झलक दिखाई पडती है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव मान जाति पर पड़ता है |




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